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Friday, 24 May 2013

कैंडिल मार्च क्यों ???

कैंडिल मार्च क्यों ???
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भाइयों एवं बहनों,
देश में जनसंख्या विष्फोटक स्थिति पर पहुँच चुकी है जो आज देश की सारी प्रगति को दीमक की तरह चाट रही है ।इसी बढ़ती जनसंख्या के कारण आज शहरों में चलना दूर है , चारों ओर जाम ही जाम । अगर हम अभी नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब सारे शहर केवल भीड़भाड़ वाले मेलों में तब्दील हो जायेंगे और हम एक स्थान से दूसरे स्थान तक मेलों की भाँति केवल पैदल ही पहुँच पायेंगे ।
जनसंख्या नियंत्रण के लिये जागरूकता कार्यक्रम सरकारों द्वारा चलाये जाते रहे लेकिन आंकडे़ सामने हैं । कभी गंभीरता से चिन्तन करिये तो राष्ट्र के भविष्य के लिये यक्ष प्रश्न खड़ी करती है जनसंख्या । जिस देश की अधिसंख्य आबादी कुपोषण से ग्रस्त, अशिक्षित , बेरोजगार ,ग़रीब हो उस देश से आशा भी क्या की जा सकती है ?
हमारी जनसंख्या का घनत्व ग़रीबी के मध्य सर्वाधिक है । ग़रीबी और आबादी एक दूसरे के पूरक हैं , अन्योन्याश्रित हैं । देश की युवा फौज का 80% अंश ग़रीब परिवारों से है जो स्वयं साधन हीन है ,वे देश के विकास में कितनी भागीदारी निभायेंगे ? जनसंख्यावृद्धि धर्म , सम्प्रदाय , जाति से जोड़ कर देखना एक गंभीर भूल है , समस्या से मुँह मोड़ना है । ग़रीबों की स्थितियां ही ऐसी होती हैं कि उन्हीं के बीच जनसंख्या तेज़ी से फलती फूलती है ।
एक बात यहाँ गंभीरता से समझनी होगी ----- नेताओं, राजनीतिक दलों और धनाड्यों को जनसंख्या बढ़ने से लाभ है -----एक को भारी संख्या में मतदाता मिलते हैं तो दूसरे को मिलते हैं उपभोक्ता और सस्ते श्रमिक । इसलिये राष्ट्र को अपूरणीय क्षति पहुँचाने वाली इस समस्या से हमें ही जूझना होगा । जागरूकता पैदा करने के साथ साथ हमें आन्दोलन चलाने होंगे ---- एक सक्षम क़ानून के लिये । हिन्दू , मुस्लिम , सिख ,ईसाई आदि सभी को कंधे से कंधा मिला कर । चीन का उदाहरण हमारे सामने है । ग़रीब के हित में और राष्ट्र के हित में इस देश को एक न एक दिन "जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम "बनाना होगा और देश को अपूरणीय क्षति से बचाना होगा ।
हम कैंडिल मार्च से देश का ध्यान खींचना चाहते हैं और देश की संसद से माँग करते हैं कि शीघ्र ही इस आशय का बिल संसद में लाये और समुचित प्रावधानों के साथ उसे शीघ्र पारित करे ।आइये ,भारत बदलना चाहता है -- समय की माँग है -- बस हम खुले मन से साथ दें ।
बदलता भारत( INDIA CHANGES ) की अनेक माँगे हैं जिनके लिये हम संघर्षरत हैं और उनमें से एक है ---- जनसंख्या नियंत्रण के लिये सक्षम क़ानून की माँग । क़ानून जो सबके लिये समान हो ,कोई दबाव नहीं , जोरजबरदस्ती नहीं --बस एक क़ानून हम सबके लिये ।
आइये जनसंख्या नियंत्रण क़ानून बनवाने के लिये 8 जून 2013 को हम मिल कर कैंडिल मार्च निकाल कर जन जागृति पैदा करे़ और संसद तक अपनी बात पहुंचायें ।
''जनसंख्या के सैलाब में बह न जायें हम कहीं ,
क़ानून की पतवार अब , हाथ में ले लीजिये ।
'होरी' अभी भी है समय कुछ चेतिये,उठ बैठिये ,
डूबने से पूर्व ,जिन्दा कौ़म हैं , कुछ कीजिये ।।'' आपका साथी
राज कुमार सचान 'होरी'
राष्ट्रीय संयोजक
दिनांक --25 मई 2013 INDIA CHANGES (बदलता भारत )
Facebook.com/pages/ India changes , Facebook.com/ group/ India changes , www.indiachanges.com , indiachanges2013.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , horibadaltabharat.blogspot.com
Emails ---indiachanges2012@gmail.com , indiachanges2013@gmail.com
Delhi office --- 182/3 गुरु कृपा एपार्टममेंट , ग्राउंड फ्लोर , महरौली ,नई दिल्ली -30 ,, ग़ाज़ियाबाद कार्यालय --63 NITI KHAND 3rd ,Indirapuram Gzb


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Wednesday, 22 May 2013

एक दोहा सिर्फ़ आपके लिये ००००००००००

एक दोहा सिर्फ़ आपके लिये ००००००००००
माना तुमने पा लिया , निज कर से आकाश ।
लेकिन पा न सके उन्हें ,जो बैठे थे पास ।।
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राज कुमार सचान होरी


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Monday, 20 May 2013

क्या आप रुचि रखते है़??

क्या आप रुचि रखते है़??
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बदलता भारत (INDIA CHANGES ) विभिन्न क्षेत्रों में 8 जून को सायं 6pm से 9 pm तक एक कैंडिल मार्च का आयोजन कर रहा है । जो भी हमारी विचारधारा का है और समझता है कि जागरूकता के साथ साथ जनसंख्या नियंत्रण के लिये क़ानून बनाने की आवश्यकता है , और हमारी तरह वह भी मानता है कि जनसंख्या से सबसे अधिक पीड़ा ग़रीब को होती है ,अशिक्षा , कुपोषण ,बेरोजगारी ,अपराध से वह ग्रस्त हो जाता है , आइये हमारे साथ देश में जागरूकता लायें और संसद को कहें कि एक सक्षम क़ानून "जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम " बनायें ।
जो भी जहाँ है प्रतीक स्वरूप कैंडिल मार्च में भाग ले ।जो व्यक्ति स्वयं कैंडिल मार्च का आयोजन करना चाहे हमें Facebook के माध्यम से बदलता भारत ( India changes) के पेज में अवगत कराये और हमारे मेल indiachanges2012@gmail.com अथवा indiachanges2013@mail.comपर सूचित करे ।
राज कुमार सचान होरी
राष्ट्रीय संयोजक - बदलता भारत ( India changes )


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Friday, 17 May 2013

देश के राजनैतिक दलों , बुद्धिजीवियों से प्रश्न ???

देश के राजनैतिक दलों , बुद्धिजीवियों से प्रश्न ???
देश में विस्फोटक स्तर तक बढ़ रही जनसंख्या के नियंत्रण के लिये "बदलता भारत "( INDIA CHANGES ) संसद से "जनसंख्या नियंत्रण अधिनियम " बनाने की माँग करता है । आप राष्ट्रीय महत्व के इस बिन्दु का समर्थन करते हैं ? या विरोध ?
समर्थन के लिये लिखें ---हाँ । विरोध के लिये लिखें -नहीं ।
राज कुमार सचान 'होरी'
राष्ट्रीय संयोजक - बदलता भारत (INDIA CHANGES ) www.indiachanges.com ,horibadaltabharat.blogspot.com , horiindiachanges.blogspot.com , indiachanges2013.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , facebook.com/pages/India changes , eid ----- indiachanges2012@gmail.com ,indiachanges2013@gmail.com



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कैंडिल मार्च

कैंडिल मार्च
दिनांक 8 जून 2013 समय 6 सायं से आरम्भ ।
स्थान ------महर्षि बाल्मीकि मंदिर निकट मदर डेरी चौक सेक्टर --5 राजेंद्र नगर से सरदार पटेल पार्क मोहन नगर ।
माँग --- "जनसंख्या नियंत्रण क़ानून " को संसद द्वारा बनाया जाय ।
दिनांक 8 जून शनिवार को सायं 6 बजे से जनसंख्या नियंत्रण क़ानून के बनाये जाने की माँग के समर्थन में एक कैंडिल मार्च महर्षि बाल्मीकि मंदिर , राजेन्द्र नगर से " बदलता भारत " (INDIA CHANGES ) संगठन द्वारा निकाला जायेगा । यह कैंडिल मार्च विभिन्न स्थानों से होता हुआ 8 बजे सायं पटेल पार्क , मोहन नगर चौराहा पहुँचेगा जहाँ पर इसका समापन होगा ।
आज देश जनसंख्या विस्फोट के मुहाने पर खड़ा है ।जहाँ सौ वर्ष पहले 1901 में भारत की जनसंख्या ( पाकिस्तान और बांग्लादेश को सम्मिलित करते हुये ) 23 करोड़ 80 लाख मात्र थी वहीं 2011 की जनगणना के अनुसार केवल अपने देश की जनसंख्या 125 करोड़ से अधिक है । यह वृद्धि तब है जब परिवार नियोजन और परिवार कल्याण के कार्यक्रम जोर शोर से राज्य और केन्द्र की सरकारों द्वारा चलाये जाते रहे हैं । आज जनसंख्या में हम विश्व में दूसरे स्थान पर हैं और मात्र 8 वर्षों बाद 2021 में हमारा देश पहले स्थान पर पहुँच जायेगा ।
80 करोड़ ग़रीबों का यह देश विश्व में ग़रीबी में सर्वोच्च पाँच स्थानों पर है । कितना शर्मनाक है यह ? यह अन्योन्याश्रित सत्य है कि ग़रीबी से जनसंख्या बढ़ती है और जनसंख्या से ग़रीबी बढ़ती है । यह एक कटु और ऐतिहासिक तथा अर्थशास्त्रीय सत्य है कि जनसंख्या वृद्धि ग़रीबी और ग़रीबों को बढ़ाती है ।किसी भी परिवार और राष्ट्र के आर्थिक संसाधन तो अंकगणितीय अनुपात में बढ़ते हैं जबकि जनसंख्या बीजगणितीय अनुपात में । आज स्थिति यह है कि देश में बहुमुखी विकास के बावजूद ग़रीबी भयानक रूप से बढ़ी है ।
जनसंख्या में बढो़तरी अमीरों के लिये उतनी कष्टकारी नहीं जितनी ग़रीबों के लिये । बच्चे अधिक होने से कुपोषण , अशिक्षा , बीमारी , ग़रीबी , अपराध एक साथ बढ़ते हैं । यह एक भ्रांति है और मिथ्या तथ्य है कि अधिक बच्चे ग़रीब के लिये अधिक काम करने वाले पैदा करते हैं इसलिये उसकी आर्थिक स्थिति सुधरती है । दो हाथों के साथ एक पेट भी तो आता है और उन हाथों के पास कोई संसाधन भी नहीं होते हैं और मात्र मज़दूरी पर आश्रित हो जाने से ग़रीबी साथ नहीं छोड़ती ।अभाव में जीवन और ग़रीब , और अभिशप्त हो जाता है ।
बदलता भारत ने इस समस्या का सांगोपांग अध्ययन किया है और पाया है कि देश के ग़रीबों के हित में जनसंख्या नियंत्रण विशेष रूप से आवश्यक है ।ग़रीबी मिटाने के लिये जनसंख्या नियंत्रित होनी आवश्यक है और इसका नियंत्रण अब बिना क़ानून के नहीं हो सकता । बिना जोर जबरदस्ती और बल प्रयोग के समानरूप से सभी के लिये परिवार नियोजन का एक ही उपाय है इसकेलिये सर्वोच्च संस्था संसद द्वारा एक ऐसा विधान बनाया जाय जो बिना किसी विभेद के समस्त भारतीय नागरिकों पर लागू हो । क़ानून की धारायें सख्त हों और उनके उल्लंघन पर कड़े प्रावधान हों । चीन से इस संबंध में बहुत कुछ सीखा जा सकता है ।
जनसंख्या बढ़ने से अशिक्षा , ग़रीबी बढ़ने से अपराधों में वृद्धि होती है । माँग और आपूर्ति में भारी अन्तर से आर्थिक भ्रष्टाचार बढ़ता है । शहरों में चारों ओर जाम और रेलों और बसों में लम्बी लम्बी वेटिंग क्या है ? एक दिन ये सारे शहर मात्र पैदल चलने लायक ही बचेंगे । दिल्ली और अन्य नगरों में नारियों के प्रति अपराध और बलात्कार क्या हैं ? ग़रीबों ,अशिक्षितों की फौजें तैयार हो गयी है़ जो न तो क़ानून जानती हैं और उनके पास संस्कार सीखने का न तो अवसर है न सुविधायें । जनसंख्या नियंत्रण से इन क्षेत्रोंमे भी सुधार होगा निश्चित ही ।
सम्पूर्ण देश में समस्त समान विचारधारा के संगठनों के साथ मिल कर जगह जगह सभाओं , रैलियों के द्वारा जागरूकता पैदा करने का कार्य बदलता भारत करेगा और आवश्यकता पड़ने पर बड़ा आन्दोलन भी खड़ा करेगा जब तक समस्त समस्याओं की जड़ जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिये कोई सशक्त क़ानून न बन जाय । देश के समस्त तालों की चाभी " जनसंख्या नियंत्रण क़ानून " है । आइये इसके लिये , राष्ट्र के लिये और ग़रीबों के लिये वातावरण बनायें ।
8जून के कैंडिल मार्च का नेतृत्व श्री राज कुमार सचान 'होरी' करेंगे । इसका संयोजन बदलता भारत की ग़ाज़ियाबाद इकाई द्वारा किया जा रहा है ।श्री विकास चौधरी मंडलीय संयोजक और ग़ाज़ियाबाद प्रवक्ता श्री सूर्यप्रकाश शर्मा की देखरेख में आयोजन किया जा रहा है । राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री शीतला शंकर विजय मिश्र , प्रसिद्ध कवि पं सुरेश नीरव राष्ट्रीय प्रवक्ता , मीडिया प्रभारी श्री कुलदीप सिंह राजपूत , श्री कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी , श्री जी एस त्यागी , श्री रोहित राज सचान एडवोकेट तथा अन्य अनेक महत्वपूर्ण व्यक्तियों द्वारा भाग लिया जायेगा ।
आप समस्त से अनुरोध है कि इस मार्च में भाग लेकर कार्यक्रम को सफल बनायें ।
बदलता भारत (INDIA CHANGES )
Eid -indiachanges2012@gmail.com , indiachanges2013@gmail.com
www.indiachanges.com , horiindiachanges.blogspot.com , horibadaltabharat.blogspot.com , indiachanges2020.blogspot.com , Facebook.com/pages/India-changes


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Wednesday, 15 May 2013

ओउम् नम: शिवाय

ओउम् नम: शिवाय
(होरी काव्य सागर )
(छन्द)--6
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अल्ला भगवन गाड कहो सब ,
एक बात है भाई ।
एक धर्म है एक जाति है ,
मानव कहाँ लड़ाई ?
धरती आसमान जो बाँटे ,
वह है कुर्सी माई ।
मन्दिर मस्जिद गिरजाघर,
गुरुद््वारा रही लड़ाय ।
ओउम् नम: शिवाय , ओउम् नम: शिवाय ।।
०००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
राज कुमार सचान होरी


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Monday, 13 May 2013

ओउम् नम: शिवाय

ओउम् नम: शिवाय
(होरी काव्य सागर से )
( छन्द)-4
देश में बढ़ती जाती दिन दिन हिजड़ों की नव टोली ।
हाव भाव हम उनके सीखे ,सीख गये हैं बोली ।।
गंभीर समस्याओं के हल में बजा रहे हैं ताली ।
और उन्हीं की भाँति निकालें मुख से आय हाय ।।
ओउम् नम: शिवाय , ओउम् नम: शिवाय ।।
०००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
राज कुमार सचान 'होरी'


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Sunday, 12 May 2013

माँ

माँ
०००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
मातृ दिवस --मदर्स डे पर
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माँ से बढ़ कर कौन यहाँ है ।
माँ से बढ़ कर केवल माँ है ।
---------------------------
होंगे सब के पास बहुत कुछ ,
मेरे ढिग तो केवल माँ है ।
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दुनिया भर में घूमूं क्यों ,
माँ चरणों सम्पूर्ण जहाँ है ।
--------------------------
बाकी के तो ठौर ठिकाने ,
माँ ही केवल। यहाँ वहाँ है ।
------------------------
घुप अंधेरे में बस माँ ही ,
"होरी" जैसे एक शमां है ।
@@@@@@@@@@@@@@@@
राज कुमार सचान होरी


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Friday, 10 May 2013

ओउम् नम: शिवाय

ओउम् नम: शिवाय
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[ होरी काव्य सागर ]
(छन्द)--2
नेता जी का चेहरा भोला , नीयत टेढ़ी मेढ़ी ।
बार बार जनता को पेरा , जैसे गन्ना पेड़ी ।।
नोवा पैरों में डाला जो प्रजातन्त्र की बेड़ी ।
जीवन भर जनता को दूहा जइस दुधारू गाय ।।
ओउम् नम: शिवाय , ओउम् नम: शिवाय ।
००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००००
राज कुमार सचान होरी



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Tuesday, 7 May 2013

Fwd: बदलता भारत के दोहे



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Begin forwarded message:

From: Rajkumar sachan <horirajkumar@gmail.com>
Date: 27 April 2013 11:27:21 AM GMT+05:30
Subject: बदलता  भारत  के  दोहे

                       बदलता  भारत  के  दोहे
***********************************************
(१)परिवर्तन की लीजिये , सदा श्वंास प्रश्वांस ।
    बदलेगा भारत कभी, यही आश  विश्वास ।।
(२) भारत को बदलो ,उठो ,चलो हमारे साथ ।
     होरी बढ़ो , बढ़ो ,बढ़ो ,लिये हाथ में हाथ ।।
(३) जनसंख्या इस भाँति ,यदि, बढ़ी और श्रीमान ।
     मेले   से बन   जायेंगे , सारे  नगर  सचान ।।
(४) भारत में होगा कभी , जनसंख्या विस्फोट ।


Monday, 6 May 2013

मुक्तक -------

मुक्तक -------
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१- ब्रह्म हूं मैं , जानता हूं ।
ब्रह्म तुम भी ,मानता हूं ।।
ब्रह्म ही है तत्व जो ,
अक्षर रहेगा, जानता हूं ।।
२- आइये हम साथ हों , भारत बदलने के लिये ,
आमजन के हेतु हम ,कुछ तो करें , कुछ भी करें ।
हाथ में ले हाथ , हम बढ़ते रहें , बढ़ते रहें ,
मोतियों से देश की होरी सदा झोली भरें ।।



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Saturday, 4 May 2013

1 /नरेगा को कृषि से पूर्ण रूप से जोड़ना

1 /नरेगा को कृषि से पूर्ण रूप से जोड़ना
गत तीन वर्षों में नरेगा में काम कम हो जाने के कारण भारत सरकार और प्रदेश सरकारों से इस योजना में धन आवंटन लगातार कम होता जा रहा है । इससे नरेगा योजना के सामने ही गंभीर संकट खड़ा हो गया है । नरेगा के अंतर्गत आने वाले कार्यों की संख्या घटते जाने के कारण जहाँ एक ओर काम कम मिल रहे हैं वहीं दूसरी ओर भ्रष्टाचार तेज़ी से बढ रहा है। काम कम होते जाने के कारण जहाँ एक ओर ईमानदार प्रधान और अधिकारी व कर्मचारी नरेगा से दूर भाग रहे हैं वहीं बेइमान अधिकारी,कर्मचारी व प्रधान भ्रष्टाचार में आकंठ डूब गये हैं ।
एक ओर तो मज़दूर और मज़दूरी के सामने गंभीर संकट तो दूसरी ओर किसान परेशान । नरेगा के बाद से गाँवों में मज़दूरी की दरों में व्रद्धि होने से किसानों को खेती में लागत अधिक लगानी पड रही है और मज़दूर भी समय से नहीं मिल पा रहे हैं। धीरे धीरे जो किसान खाद बीज पानी दवाओं की बढ़ती कीमतों से पहले ही परेशान था , मज़दूरी में व्रद्धि से और टूटने लगा । पूरे देश में लघु और सीमांत (छोटे किसान ) किसान तो बड़ी संख्या में खेती ही छोड़ने लगे ।। आज देश में अज़ीब स्थिति है मज़दूर और किसान दोनों बेहद परेशान ।
इंडिया चेंज़ेज़ ( India Changes ) ने अपनें राष्ट्रीय संयोज़क प्रसिद्ध साहित्यकार और समाजसेवी श्री राज कुमार सचान 'होरी' के प्रशासनिक और सामाजिक अनुभवों के आधार पर निष्कर्ष निकाला कि उक्त दोनों गंभीर समस्यायों का एकमात्र हल है ...........
"नरेगा का कृषि से पूर्ण सम्बद्धीकरण ।"
इसे गहराई से समझना आवश्यक है ... खेती का कोई भी कार्य हो कृषि,उद्या़न अथवा वानिकी(forestry) या खेती से संबंधित अन्य कार्य जो उत्पादन से जुड़े हों में मज़दूर नरेगा से दिये जाँय और उनकी मज़दूरी किसान के बजा़य नरेगा योजना से मिले । इस प्रकार किसानों को मज़दूर बिना किसी लागत के साल भर लगातार उपलब्ध होंगे जिससे उसकी फसलों की लागत कम होगी और खेती घाटे के स्थान पर लाभकारी बन सकेगी ।किसान मज़दूर और मज़दूरी से मुक्त होकर पूरा ध्यान खेती में लगा सकेगा । कृषि उत्पादन भी निश्चित रूप से बढ़ेगा ।देश में खाद्यान्न का आसन्न संकट भी टल जायेगा । कृषि उत्पादन में लागत कम होने से खाद्यानों की कीमत में भी कमी आयेगी जिससे आम उपभोक्ता को फ़ायदा होगा ।
कृषि सदियों से चले आने वाला व्यवसाय है जो भविष्य में भी चलता रहेगा , इसलिये इससे पूर्ण सम्बद्ध होने पर नरेगा योजना को भी सदैव जीवित रखा जा सकेगा । मज़दूर को काम पहले से बहुत अधिक मात्रा में लगातार मिलता रहेगा । यहाँ यह शर्त है कि किसान में लघु , सीमांत और बड़े सभी सम्मिलित हों तभी इसका पूर्ण अर्थ भी है ।
देश के ७० प्रतिशत किसान और ग्रामीण मज़दूर दोनों एक साथ खुशहाल होंगे और एक और लाभ साथ ही साथ होगा ़़़़गांवों में किसान-मज़दूर के मध्य भाईचारा बढ़ेगा जो नरेगा के लागू होने के बाद से सबसे निम्न स्तर पर पहुँच गया है ।
आइए हम मिल कर इसे सम्पूर्ण देश में लागू करायें । देश विशेषकर ग्रामीण विकास के लिये ।
@ INDIA CHANGES
eid .... indiachanges2012@gmail.com & indiachanges2013@gmail.com & horiindiachanges @gmail.com & web: indiachanges.com



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5 अस्पृश्ता निवारण और सामाजिक समरसता

5 अस्पृश्ता निवारण और सामाजिक समरसता
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इस देश का ऐतिहासिक कटु सत्य है ़़़़जातियां और जातियाँ ।जातियों के अन्दर जातियाँ । जातियों के बाहर जातियाँ । इनमें कोयी ऊँचा तो कोयी नीचा । छुआछूत अभी तक जारी । विवाह ,भोजन में पृथक पृथक । यहाँ तक धर्म परिवर्तन के पश्चात भी जातियाँ विद्यमान हैं और उनमें छोटी बड़ी सभी ।
देश का बड़ा दुर्भाग्य है कि इन असंख्य जातियों के कारण अस्पृश्ता बनी हुयी है और सामाजिक समरसता अन्त्यन्त क्षीण है । कभी धर्म के कारण तो कभी जातियों के कारण समाज में एकता नहीं आ पाती , राष्ट्र वाद की भीषण कमी है ।
इस देश को जिसने भी जाना समझा उसने सबसे पहले अछूत (अस्पृश्य ) को गले लगाया ़़़़़गांधी को ही देख लीजिये हमेंशा अछूतोद्धार के लिये कार्य किया ।
आइए देश की इस घृणित कुरीति को हमेशा के लिये जड़ से उखाड़ फेंकने और जातियो के अन्तर को मिटाने के लिये हमारे साथ आयें । कंधा से कंधा मिलायें । इंडिया चेंजेज़ के साथ आयें । प्रत्येक शुबह की शुरुआत किसी अछूत समझे जाने वाले परिवार के घर प्रात:भोजन से करें, दोपहर एक मज़दूर के यहाँ भोजन और रात एक किसान के घर भोजन , यह हमारी पद्धति है समरसता की ।
अगर गाँव और शहर गंदे हों ,सफाई न हो तो वहाँ के रहने वाले कैसे स्वच्छ रहेंगे ? कैसे स्वस्थ रहेंगे ? पर आज भी स्थिति बनी हुई है कि सभी जगह भारी गंदगी है और सफाई करने वालों की भारी कमी । जनसंख्या के मानकों के अनुसार सफाई कर्मियों की शीघ्र भर्ती आवश्यक है वह भी केवल सफाईकर्मी परिवारों से, यह हमारी महत्वपूर्ण माँग है ।
हमारी माँग है, अंतर्जातीय विवाहों को बढ़ावा देना ।ऐसा करने वालों को सम्मानित करना ।
इंडिया चेंजे़ज़ ( INDIA CHANGES )
www.indiachanges.com , horiindiachanges.blogspot.com ,horibadaltabharat.blogspot.com
Eid -indiachanges2013@gmail.com



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दो दिवसीय उपवास ( अनशन ) ,धरनास्थल, दारुल सफा,लखनऊ

दो दिवसीय उपवास ( अनशन ) ,धरनास्थल, दारुल सफा,लखनऊ
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दिनांक एक मई को मज़दूर दिवस पर INDIA CHANGES (बदलता भारत ) तथा अर्जक साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय उपवास और धरना प्रदेश स्तर पर किया गया , जिसका नेतृत्व दोनो संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,प्रसिद्ध कवि , साहित्यकार , समाजसेवी एवं प्रखर वक्ता श्री राज कुमार सचान "होरी" ने किया ।
चौदह सूत्री ज्ञापन धरना स्थल पर आकर अपर नगर मजिस्ट्रेट ने लिया ।इस अवसर पर भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया । मुख्य वक्ता श्री राज कुमार सचान "होरी" ने संचालन करते हुये कहा कि बुद्धिजीवी को राजनीति में आना ही होगा अन्यथा देश में परिवर्तन नहीं होगा । अब भारत बदल रहा है , उसमें मौलिक परिवर्तन के लिये सृजन करना होगा । कलम उठाना होगा , देश की पिछड़ी जातियाँ लेखन से दूर होने के कारण और पिछड़ गईं ।दलित जातियों ने भी कोई लेखक , कवि पैदा करनें में संगठित प्रयास नहीं किये । दोनो ने उच्च जातियों से वैमनस्य का पाठ ही पढ़ा । बुद्ध , अम्बेडकर , लोहिया , राम स्वरूप वर्मा के बौद्धिक कार्यों को इनके ही अनुयायियों नें नहीं माना ।
होरी ने सम्बोधन में कहा कि आइये अब चाणक्य बनिये , वशिष्ठ बनिये । रानीतिक के साथ साथ साहित्यिक , धार्मिक सत्ता प्राप्त करना आवश्यक है ।अन्य वक्ताओं में इंडिया चेंजेज़ के प्रदेश संयोजक श्री हरिपाल सिंह , राष्ट्रीय अध्यक्ष शोषित समाज दल श्री अखिलेश कटियार , प्रदेश अध्यक्ष शोषित समाज दल श्री केदार सचान , श्री नत्थूलाल सचान कानपुर, श्री फूल चंद्र चौधरी , मीडिया प्रभारी बदलता भारत श्री रिज़वान चंचल , श्री जंग बहादुर पटेल बाराबंकी , सत्येंद्र पटेल फ़तेहपुर , जगदीश्वर पटेल लखनऊ ,श्री अशोक पटेल महाराजगंज , प्रियंका कटियार प्रदेश महिला अध्यक्ष शोषित समाज दल , राजेश सचान आदि मुख्य रहे ।
सम्पूर्ण देश में बदलता भारत के द्वारा लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं । आप आयें ----
देश की माटी बुलाती है तुम्हें ,
आओ उठकर राष्ट्र ध्वज को थाम लो ।
धर्म और जातियों का भाव तज ,
प्यारों बेटो , भारत माँ का नाम लो । (होरी )


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Friday, 3 May 2013

दो दिवसीय उपवास ( अनशन ) ,धरनास्थल, दारुल सफा,लखनऊ

दो दिवसीय उपवास ( अनशन ) ,धरनास्थल, दारुल सफा,लखनऊ
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आज दिनांक एक मई को मज़दूर दिवस पर INDIA CHANGES (बदलता भारत ) तथा अर्जक साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय उपवास और धरना प्रदेश स्तर पर किया गया , जिसका नेतृत्व दोनो संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,प्रसिद्ध कवि , साहित्यकार , समाजसेवी एवं प्रखर वक्ता श्री राज कुमार सचान "होरी" ने किया ।
चौदह सूत्री ज्ञापन धरना स्थल पर आकर अपर नगर मजिस्ट्रेट ने लिया ।इस अवसर पर भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया । मुख्य वक्ता श्री राज कुमार सचान "होरी" ने संचालन करते हुये कहा कि बुद्धिजीवी को राजनीति में आना ही होगा अन्यथा देश में परिवर्तन नहीं होगा । अब भारत बदल रहा है , उसमें मौलिक परिवर्तन के लिये सृजन करना होगा । कलम उठाना होगा , देश की पिछड़ी जातियाँ लेखन से दूर होने के कारण और पिछड़ गईं ।दलित जातियों ने भी कोई लेखक , कवि पैदा करनें में संगठित प्रयास नहीं किये । दोनो ने उच्च जातियों से वैमनस्य का पाठ ही पढ़ा । बुद्ध , अम्बेडकर , लोहिया , राम स्वरूप वर्मा के बौद्धिक कार्यों को इनके ही अनुयायियों नें नहीं माना ।
होरी ने सम्बोधन में कहा कि आइये अब चाणक्य बनिये , वशिष्ठ बनिये । रानीतिक के साथ साथ साहित्यिक , धार्मिक सत्ता प्राप्त करना आवश्यक है ।अन्य वक्ताओं में इंडिया चेंजेज़ के प्रदेश संयोजक श्री हरिपाल सिंह , राष्ट्रीय अध्यक्ष शोषित समाज दल श्री अखिलेश कटियार , प्रदेश अध्यक्ष शोषित समाज दल श्री केदार सचान , श्री नत्थूलाल सचान कानपुर, श्री फूल चंद्र चौधरी , मीडिया प्रभारी बदलता भारत श्री रिज़वान चंचल , श्री जंग बहादुर पटेल बाराबंकी , सत्येंद्र पटेल फ़तेहपुर , जगदीश्वर पटेल लखनऊ ,श्री अशोक पटेल महाराजगंज , प्रियंका कटियार प्रदेश महिला अध्यक्ष शोषित समाज दल , राजेश सचान आदि मुख्य रहे ।
सम्पूर्ण देश में बदलता भारत के द्वारा लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं । आप आयें ----
देश की माटी बुलाती है तुम्हें ,
आओ उठकर राष्ट्र ध्वज को थाम लो ।
धर्म और जातियों का भाव तज ,
प्यारों बेटो , भारत माँ का नाम लो । (होरी )


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Wednesday, 1 May 2013

दो दिवसीय उपवास ( अनशन ) ,धरनास्थल, दारुल सफा,लखनऊ

दो दिवसीय उपवास ( अनशन ) ,धरनास्थल, दारुल सफा,लखनऊ
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आज दिनांक एक मई को मज़दूर दिवस पर INDIA CHANGES (बदलता भारत ) तथा अर्जक साहित्य परिषद के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय उपवास और धरना प्रदेश स्तर पर किया गया , जिसका नेतृत्व दोनो संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष ,प्रसिद्ध कवि , साहित्यकार , समाजसेवी एवं प्रखर वक्ता श्री राज कुमार सचान "होरी" ने किया ।
चौदह सूत्री ज्ञापन धरना स्थल पर आकर अपर नगर मजिस्ट्रेट ने लिया ।इस अवसर पर भारी संख्या में लोगों ने भाग लिया । मुख्य वक्ता श्री राज कुमार सचान "होरी" ने संचालन करते हुये कहा कि बुद्धिजीवी को राजनीति में आना ही होगा अन्यथा देश में परिवर्तन नहीं होगा । अब भारत बदल रहा है , उसमें मौलिक परिवर्तन के लिये सृजन करना होगा । कलम उठाना होगा , देश की पिछड़ी जातियाँ लेखन से दूर होने के कारण और पिछड़ गईं ।दलित जातियों ने भी कोई लेखक , कवि पैदा करनें में संगठित प्रयास नहीं किये । दोनो ने उच्च जातियों से वैमनस्य का पाठ ही पढ़ा । बुद्ध , अम्बेडकर , लोहिया , राम स्वरूप वर्मा के बौद्धिक कार्यों को इनके ही अनुयायियों नें नहीं माना ।
होरी ने सम्बोधन में कहा कि आइये अब चाणक्य बनिये , वशिष्ठ बनिये । रानीतिक के साथ साथ साहित्यिक , धार्मिक सत्ता प्राप्त करना आवश्यक है ।अन्य वक्ताओं में इंडिया चेंजेज़ के प्रदेश संयोजक श्री हरिपाल सिंह , राष्ट्रीय अध्यक्ष शोषित समाज दल श्री अखिलेश कटियार , प्रदेश अध्यक्ष शोषित समाज दल श्री केदार सचान , श्री नत्थूलाल सचान कानपुर, श्री फूल चंद्र चौधरी , मीडिया प्रभारी बदलता भारत श्री रिज़वान चंचल , श्री जंग बहादुर पटेल बाराबंकी , सत्येंद्र पटेल फ़तेहपुर , जगदीश्वर पटेल लखनऊ ,श्री अशोक पटेल महाराजगंज , प्रियंका कटियार प्रदेश महिला अध्यक्ष शोषित समाज दल , राजेश सचान आदि मुख्य रहे ।
सम्पूर्ण देश में बदलता भारत के द्वारा लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं । आप आयें ----
देश की माटी बुलाती है तुम्हें ,
आओ उठकर राष्ट्र ध्वज को थाम लो ।
धर्म और जातियों का भाव तज ,
प्यारों बेटो , भारत माँ का नाम लो । (होरी )


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